अक्टूबर में सीजन की पहली बर्फ़बारी हो चुकी थी, जिसके बाद पहाड़ों में कम और सोशल मीडिया पर मानो सैकड़ों बार एवलांच आया। हम चार लोग नवम्बर के आखिरी हफ्ते में आत्मनिर्भर कला का प्रयोग करके ढाई घंटे में बक्कर थाच पहुंच जाते हैं जहां घुटनों को बर्फ ने और हनुमान टिब्बा को बादलों ने ढक रखा था। . आपका विंटर ट्रेक कौनसा रहा?, हमारा तो तुंगनाथ रहा है।
about me
Rohit kalyana
दिमाग में एक बबाल घूमता है जिसे लेकर मैं यहाँ से वहाँ टहलता रहता हूँ । इस ब्लॉग में उसी बबाल को लिखने और दिखाने का प्रयास किया है, यहाँ आप बहुत ज्यादा बकवास कंटेंट पढ़ोगे और शानदार फोटोग्राफी देखोगे । दर्शकों से अपील रहेगी कि अपनी प्रतिक्रिया गाली के रूप में या गो टू हेल बोलके कमेन्ट सेक्शन में जरुर दर्ज़ कराएँ ।
Post a Comment