स्वतंत्रता दिवस जीवन का उद्देश्य मन को नियंत्रित करना नहीं है, बल्कि इसे सामंजस्यपूर्ण रूप से विकसित करना है; इसका उपयोग मोक्ष प्राप्त करने के लिए नहीं, बल्कि इसका सर्वोत्तम उपयोग करने के लिए; और सत्य, सौंदर्य और केवल चिंतन में अच्छे होने का एहसास नहीं है, बल्कि दैनिक जीवन के वास्तविक अनुभव में भी; सामाजिक प्रगति कुछ के उत्थान पर नहीं बल्कि लोकतंत्र के संवर्धन पर निर्भर करती है; सार्वभौमिक भाईचारा तभी प्राप्त किया जा सकता है जब अवसर की समानता हो - सामाजिक, राजनीतिक और व्यक्तिगत जीवन में अवसर की। - भगत सिंह की जेल डायरी से, पेज- 124 . फोटो बीड़ से लिया है किसी सुहानी शाम चाय का कप हाथ में थामे।
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Rohit kalyana
दिमाग में एक बबाल घूमता है जिसे लेकर मैं यहाँ से वहाँ टहलता रहता हूँ । इस ब्लॉग में उसी बबाल को लिखने और दिखाने का प्रयास किया है, यहाँ आप बहुत ज्यादा बकवास कंटेंट पढ़ोगे और शानदार फोटोग्राफी देखोगे । दर्शकों से अपील रहेगी कि अपनी प्रतिक्रिया गाली के रूप में या गो टू हेल बोलके कमेन्ट सेक्शन में जरुर दर्ज़ कराएँ ।
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