सुबह-सुबह ही करोड़ों का नुकसान, 5 फैक्ट्रियों में लगी आग, 20 हज़ार लाख रुपये शेयर मार्केट में डूबे, पानी के जहाज खरीदे थे वो समंदर में उतारते ही डूब गए।
सारा नुकसान इसलिए गिनवाया जा रहा क्योंकि आंख खुलने से पहले ही इन लड़कों का इतना नुकसान हो चुका था। मैं सोया हुआ था जब बाहर इनके ज़ोर-ज़ोर से चिल्लाने की आवाज़ आयी, इनके साथ और 4 लड़के थे और सभी चिल्ला चिल्लाकर एक दूजे को कह रहे थे तूने मेरी पतंग का धागा तोड़ा क्यों?।
लाल हुडी पहने लड़के का सवाल तो जायज़ था जिसका जवाब ग्रे दस्ताने पहने डेढ़ फुटिया ने यह कहकर जवाब दिया कि "भूल चूक तो इंसान से ही होती है ब्रो"।
इस गम्भीर वार्तालाप को देखकर मुझे अपने वो डूबे हुए 60 हज़ार रुपये याद आ गए जो सन 2016 में मैंने क्रिप्टो मार्किट में लगाये थे।
अब जब सभी लड़के एक दूसरे को धमकी वमकी देकर अपने-अपने घर जा चुके हैं तब यहां गाना चल रहा है जिसपर अपुन के पैर खुद-ब-खुद बहक रहे हैं ;
"दिल जिगर नज़र क्या है...मैं तो तेरे लिए जां भी दे दूं"।
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