@pahadibanda की "बेवकूफ मत बनाओ" योजना के तहत हमने भी स्थानों की जानकारी सही लिखने की शपथ "टच वुड" बोलकर खा ली थी। अब हम चाईना जोत को छिना जोत और आशिकी बाग/गणेश पार्क को मलिंग खाटा बोलने लगे हैं। सही लिखने का सबसे बड़ा ड्राबैक यह है कि "सही जानकारी लाएं कहाँ से?", तो अब हम जीपीएस पर ऊंचाई और दूरी नापते हैं। फिर जो जीपीएस बोलता है वही सही है अपने लिए तो । लिखी लिखाई जानकारी पर तब तक यकीन मत करो जब तक उसके सही होने के प्रमाण मौजूद न हों।
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