उस दिन रिम्बिक में सुबह 4 बजे तेज़ धूप को देखते हुए हमने राशिफल और फोरकास्ट न देखने का फैसला किया, जिसकी वजह से पहाड़ पर हमें ब्लंडर में फंसना पड़ा। पश्चिम बंगाल में इलेक्शन आने वाले थे तब हमने ठाना कि अगर इम्युनिटी बढ़ानी है तो वेस्ट बंगाल की सबसे ऊंची चोटी पे जाकर मोमोज खाने ही होंगे। . उस दिन 6 घंटे 53 मिनट में हमने 32 किमी. किया (2279 मीटर एलिवेशन गेन)।
बिना किसी प्रैक्टिस के इतना ज्यादा चलने के कारण वापसी में मुझे हाथों के बल नीचे उतरना पड़ा, उस दिन मैं खुद को जानवरों की पीड़ा से जोड़ पाया। . खैर, ऊपर बेहद खतरनाक मौसम मिला, बादल मानो निगलकर एवरेस्ट पर फैंकने को तैयार थे। मोमोज नहीं मिले, जूते बहुत टाइट थे, 80 रुपये का एक कप चाय का मिला जिसे पीकर मुझे इजराइल की शीतकालीन राजधानी खीरगंगा की याद आ गयी। . क्या हाथों के लिए भी ट्रेकिंग शूज आते हैं?।
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