दुगलबिट्टा के आर.एफ.फो. का बोलना हैं कि जनवरी में कोई नहीं जाता तुंगनाथ, ऊपर इतना बर्फ है कि अभी पिछले हफ्ते ही एक बन्दे का रेस्क्यू करने में हमारी दो जन्मों की ऊर्जा बर्फ हो गयी। अगर चोपटा से आगे जाना है तो लिख कर दो नहीं तो चलो हमारे साथ वापिस। . इस काउंटर अटैक से बचने की हड़बड़ाहट में एकदम से मुँह से निकल गया "हाँ तो मैं तैयार हूँ लिखकर देने को"।
अगले 15 मिनट हम सब बर्फ में सिर्फ इसलिए भीगते रहे कि फारेस्ट टीम को पेपर-पैन नहीं मिल रहा था मेरा इच्छामृत्यु फॉर्म भरवाने के लिए। . बात 2013 की है तब हम पॉइंट एंड शूट से निम्बू निचौड़ते थे, फोटो में नेट जियो लेवल की एडिटिंग की गई है इसलिए दर्शकों से अनुरोध हैं एक-एक करके अपना समर्थन दर्ज कराएं।
Post a Comment