सुबह पी एक कप चाय की सारी एनर्जी हम लोग अपने बिखरे हुए सामान को समेटने में खर्च कर देते हैं । पांचवा दिन है और बिना ब्रुश के मुंह से ऐसी बास आ रही है मानो बायो-वॉर शुरू होने वाला है ऊपर से जींस ने भीतर माहौल सागो-साग कर दिया है । 07:25 पर महापुरुष को गुडबाय बोलकर सभी युवा लोग आज बारालाचा-ला से पहले कहीं रुकने के बारें में विचार-विमर्श करते हैं, तीनों अंग्रेजी में बिना सांस लिए बोले जा रहे हैं वहीं मेरा सोचना है कि “दो दिन से आई नहीं है क्या आज आयेगी?” ।
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Rohit kalyana
दिमाग में एक बबाल घूमता है जिसे लेकर मैं यहाँ से वहाँ टहलता रहता हूँ । इस ब्लॉग में उसी बबाल को लिखने और दिखाने का प्रयास किया है, यहाँ आप बहुत ज्यादा बकवास कंटेंट पढ़ोगे और शानदार फोटोग्राफी देखोगे । दर्शकों से अपील रहेगी कि अपनी प्रतिक्रिया गाली के रूप में या गो टू हेल बोलके कमेन्ट सेक्शन में जरुर दर्ज़ कराएँ ।
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