-4.5 डिग्री में स्नो शूज पहनकर माउंटेनियर बनने में 30 मिनट का समय लगता है। सूरज की पहली किरणें हनुमान टिब्बा को गोल्डन पिरामिड लुक दे रही हैं। 5-5 किलो के स्नो शूज में उंगलियां नम पड़ रही हैं, नाक का शीघ्रपतन जारी है। बर्फ पर गिरते हुए हरयाणा रोडवेज़ के पीछे लिखी लाइन याद आती है "अकड़ मत पटक दूंगी"।
सोलांग से सोलांग वाया फ्रेंडशिप पीक हमने 33 घंटे में पूरा किया, इस तेज प्रयास में मेरी तो मोमबत्ती सी बुझ गुई। लिंक बायो में। . आपका जीवन का पहला समिट कौनसा रहा?। मेरा तो वैष्णो देवी माना जायेगा जो सन 1994 में किया था।
📸: @wanderer_nupur
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