चन्द्रताल कैम्प साइट बात उस जमाने की है जब हममें खून नहीं क्रांति दौड़ा करती थी, जिसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि हम दो लोगों ने चम्बा से लाहौल यात्रा की पैदल वो भी सिर्फ पारले-जी बिस्कुट खाकर । . लिफ्ट लेकर दोपहर को चन्द्रताल पहुँचे, जहाँ झील का चक्कर लगाकर हमने सूर्यास्त के बाद उमड़ते बादलों को देखा CB-14 पर । . रात को 2-4 स्नो फ्लैक्स गिरे, हमने एक-एक टॉफी खाकर एक दूसरे को गुड नाईट कहा।
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Rohit kalyana
दिमाग में एक बबाल घूमता है जिसे लेकर मैं यहाँ से वहाँ टहलता रहता हूँ । इस ब्लॉग में उसी बबाल को लिखने और दिखाने का प्रयास किया है, यहाँ आप बहुत ज्यादा बकवास कंटेंट पढ़ोगे और शानदार फोटोग्राफी देखोगे । दर्शकों से अपील रहेगी कि अपनी प्रतिक्रिया गाली के रूप में या गो टू हेल बोलके कमेन्ट सेक्शन में जरुर दर्ज़ कराएँ ।
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