जंस्कार जब चादर टूट जाती है तब-तब केजरीवाल की तरह या तो यू-टर्न लेना पड़ता है या चादर छोड़कर पहाड़ पर चढ़ो। टनों के हिसाब से पब्लिक एक के ऊपर एक चढ़ गई और इसी भीड़ से एक बन्दरलस्टियां सीधा अधजमी चादर पर गिरा वो भी हिप्स के बल। बुरा भी लगा लेकिन मजा भी आया फिर एक जिला भर लोगों ने एकसाथ उसे दो दिव्य शब्दों का मंत्र दिया कि "अबे साले"।
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Rohit kalyana
दिमाग में एक बबाल घूमता है जिसे लेकर मैं यहाँ से वहाँ टहलता रहता हूँ । इस ब्लॉग में उसी बबाल को लिखने और दिखाने का प्रयास किया है, यहाँ आप बहुत ज्यादा बकवास कंटेंट पढ़ोगे और शानदार फोटोग्राफी देखोगे । दर्शकों से अपील रहेगी कि अपनी प्रतिक्रिया गाली के रूप में या गो टू हेल बोलके कमेन्ट सेक्शन में जरुर दर्ज़ कराएँ ।
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