बहुत साल पहले मैंने 'हर की दून' ट्रेक किया, उस जमाने में लोग यह कहकर डराते थे कि 4-5 दिन का रास्ता है और अकेले जाना खतरे से खाली नहीं। . डेढ़ दिन में डरते-डरते हर की दून पहुंचे और अपुन ने शांकरी, गंगाढ, ओसला गांव की खूबसुरती के साथ थोड़ी भौत क्लाइम्बिंग करी ट्रेकिंग बूट्स में और अंत मे फुल मून में स्वर्गारोहिणी-2 के दर्शन किये वो भी हल्की बर्फबारी के बीच। . क्या आपने ढलते सूरज के साथ चांद को देखा है कभी?।
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Rohit kalyana
दिमाग में एक बबाल घूमता है जिसे लेकर मैं यहाँ से वहाँ टहलता रहता हूँ । इस ब्लॉग में उसी बबाल को लिखने और दिखाने का प्रयास किया है, यहाँ आप बहुत ज्यादा बकवास कंटेंट पढ़ोगे और शानदार फोटोग्राफी देखोगे । दर्शकों से अपील रहेगी कि अपनी प्रतिक्रिया गाली के रूप में या गो टू हेल बोलके कमेन्ट सेक्शन में जरुर दर्ज़ कराएँ ।
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