सर्दियों का टाइम था, दो दिन लगातार होती बर्फ़बारी के बाद हमारे भीतर का केजरीवाल उछलने लगा। अपनी बन्दरलस्टी की हुड़क को शांत करने के लिए अगले ही दिन कूच किया जाता है। कई घण्टे बर्फ में चलते-चलते हमारे मटर छिल जाते हैं। ऐसे नजारे देखकर अपने 'फ्री सोल' होने पर गर्व होता है। आपने कहाँ देखा है ऐसा नजारा?
about me
Rohit kalyana
दिमाग में एक बबाल घूमता है जिसे लेकर मैं यहाँ से वहाँ टहलता रहता हूँ । इस ब्लॉग में उसी बबाल को लिखने और दिखाने का प्रयास किया है, यहाँ आप बहुत ज्यादा बकवास कंटेंट पढ़ोगे और शानदार फोटोग्राफी देखोगे । दर्शकों से अपील रहेगी कि अपनी प्रतिक्रिया गाली के रूप में या गो टू हेल बोलके कमेन्ट सेक्शन में जरुर दर्ज़ कराएँ ।
Post a Comment