अब घूमने नही जीने जाते हैं। यह छितकुल है, बस्पा नदी किनारे बसा एक लिटिल मास्टर पीस जहां हिन्दू और बुद्धिस्ट मिलकर सदियों से पीसफुली रहते आये हैं । कई ट्रेकिंग रास्ते निकलते हैं यहां से, जैसेकि - छिमल्या पास, ल्मखागा पास, रूपिन पास, और चारंग ला। यहां के आलू, सेब और लोगों का अपना ही स्वैग है। कभी जाओ तो रंगरिक पर्वत को हाय जरूर बोलना।
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Rohit kalyana
दिमाग में एक बबाल घूमता है जिसे लेकर मैं यहाँ से वहाँ टहलता रहता हूँ । इस ब्लॉग में उसी बबाल को लिखने और दिखाने का प्रयास किया है, यहाँ आप बहुत ज्यादा बकवास कंटेंट पढ़ोगे और शानदार फोटोग्राफी देखोगे । दर्शकों से अपील रहेगी कि अपनी प्रतिक्रिया गाली के रूप में या गो टू हेल बोलके कमेन्ट सेक्शन में जरुर दर्ज़ कराएँ ।
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