हरिद्वार जाना तो मुझे रुद्रनाथ ट्रेक के लिए था जहां से अपने को नन्दा देवी की परछाई में भगवान रुद्र के दर्शन करने थे उगते और ढलते सूरज के साथ । परन्तु गलती से ही सही बन्दरलस्टीयां हरिद्वार पहुंचा जहां साक्षात दर्शन हुए भोले की बारात के। . ये मेरा पहला कुम्भ था, क्या आप भी कभी कुम्भ में शामिल हुए हो?।
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Rohit kalyana
दिमाग में एक बबाल घूमता है जिसे लेकर मैं यहाँ से वहाँ टहलता रहता हूँ । इस ब्लॉग में उसी बबाल को लिखने और दिखाने का प्रयास किया है, यहाँ आप बहुत ज्यादा बकवास कंटेंट पढ़ोगे और शानदार फोटोग्राफी देखोगे । दर्शकों से अपील रहेगी कि अपनी प्रतिक्रिया गाली के रूप में या गो टू हेल बोलके कमेन्ट सेक्शन में जरुर दर्ज़ कराएँ ।
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