तीन के से दो बार दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हुआ। यात्रा हर साल मानसून में खुलती है, रास्ता दुर्गम और बहुत लंबा है। अब तो सोशल मीडिया के आने से इस स्थान की प्रसिद्धि और बढ़ गयी है, पहले-पहल स्थानीय ही जाते थे लेकिन अब पेन इंडिया लेवल से श्रद्धालु दर्शन करने जा रहे। क्या आप इस साल प्लान कर रहे?।
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