ये मोबाइल से खींचा है, सूरज ढल रहा था और नज़ारा कतई जादुई मानो देवता शिव को फूल अर्पित कर रहे हों और वो फूल सीधा ही त्रिशूल पीक पे बरस गए। . बर्फ से ढके पहाड़ का सौंदर्य इतना अद्भुत भी हो सकता है ये तब तक देखना सम्भव नहीं जब तक सूरज की किरणें उस पर न पड़े। बस टेंट में पड़े-पड़े इस नज़ारे को देखता गया और कब आसमान असंख्य तारों का घर हो गया ख्याल ही नहीं आया। . एक जादुई बात ये भी है कि मैंने त्रिशूल के माथे से चाँद को निकलते देखा है।
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Rohit kalyana
दिमाग में एक बबाल घूमता है जिसे लेकर मैं यहाँ से वहाँ टहलता रहता हूँ । इस ब्लॉग में उसी बबाल को लिखने और दिखाने का प्रयास किया है, यहाँ आप बहुत ज्यादा बकवास कंटेंट पढ़ोगे और शानदार फोटोग्राफी देखोगे । दर्शकों से अपील रहेगी कि अपनी प्रतिक्रिया गाली के रूप में या गो टू हेल बोलके कमेन्ट सेक्शन में जरुर दर्ज़ कराएँ ।
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