फालूत ट्रैक बंगाली पर मिले दादा...माननीय प्रधानमंत्री जी के फैन हैं इसलिए उन्होंने शाम को दीदी की जी भरके बुराई करी। फिर डिनर करके जब हम सब हॉल में लेटे तो दादा ने खर्राटे लेने में एकतरफा जीत हासिल करी, लग रहा था कि सपने में दीदी के साथ डब्लू डब्लू एफ का मैच चल रहा हो। . "व्हाट अ व्यू" किसी ने बाहर से चिल्लाया, समय शायद सुबह के 5 बजे थे...मैं भी कूदके बाहर गया तो देखा कि दर्जनों के हिसाब से बंगाली समुदाय व्यू पॉइंट की तरफ जा रहा है।
हम अकेले हरियाणवी थे लॉकडाउन के बाद जिन्होंने फालूत से दुनिया की सबसे ऊंची चोटी एवरेस्ट देखी, एक साथ 5 आठ हजार मीटर ऊंची चोटियों को देखना ऐसा था जैसे सूरज सिर्फ इन्हीं के लिए धरती पर रोशनी बिखेरता हो।
Post a Comment